बीएड की फर्जी डिग्री से सरकारी नौकरी पाने वाले शिक्षक को 05 साल की कठोर कैद की सजा

दिनांक : 2025-07-15 16:09:00

  • बीएड की फर्जी डिग्री के आधार पर शिक्षा विभाग में नौकरी करने पर जनपद रुद्रप्रयाग के एक और फर्जी शिक्षक को 05 वर्ष का कठोर कारावास की सजा
  • अब तक जनपद के कुल 28 फर्जी शिक्षकों को हुई कारावास की सजा
रुद्रप्रयाग : जनपद रुद्रप्रयाग में तैनात फर्जी शिक्षक लक्ष्मण सिंह रौथाण पुत्र केदार सिंह रौथाण निलंबित/ बर्खास्त शिक्षक जनता इंटर कॉलेज देवनगर, रुद्रप्रयाग द्वारा अपनी फर्जी बीएड वर्ष 2003 की डिग्री के आधार पर शिक्षा विभाग, उत्तराखंड में शिक्षक की नौकरी प्राप्त की गई। शिक्षा विभाग, एसआईटी एवं विभागीय जांच के अनुसार उपरोक्त अध्यापक को फर्जी बी०एड० की डिग्री से नौकरी प्राप्त करने पर उसकी बीएड की डिग्री का सत्यापन कराया गया। सत्यापन के उपरान्त चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ उत्तर प्रदेश से जांच आख्या प्राप्त हुई जिसमें उपरोक्त फर्जी अध्यापक के द्वारा विश्वविद्यालय से कोई भी बी०एड० की डिग्री जारी नहीं हुई पायी गई। शासन स्तर से एसआईटी जांच भी कराई गई थी। जिसके आधार पर शिक्षा विभाग रुद्रप्रयाग द्वारा उक्त शिक्षक के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत कराया गया। फर्जी शिक्षक को तत्काल निलंबित कर तत्पश्चात बर्खास्त किया गया तथा सीजेएम न्यायालय जनपद रुद्रप्रयाग के समक्ष विचारण हुआ।
आज 15 जुलाई 2025 को विद्वान माननीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, श्री अशोक कुमार सैनी के न्यायालय द्वारा उपरोक्त फर्जी शिक्षक लक्ष्मण सिंह रौथाण पुत्र केदार सिंह रौथाण को फर्जी बी०एड० की डिग्री के आधार पर छल व कपट से नौकरी करने के संबंध में दोषी करार पाते हुए धारा 420 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अन्तर्गत 05 वर्ष का कठोर कारावास की सजा तथा 10000 (दस हजार रूपये) रुपये जुर्माने से दण्डित किया गया एवं जुर्माना अदा न करने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी तथा धारा 471 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अन्तर्गत दोषसिद्ध पाते हुए 02 वर्ष का कठोर कारावास व 5000 (पांच हजार रुपये) रुपये जुर्माने से दडिण्त किया गया एवं जुर्माना अदा न करने पर एक माह का अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतना होगा। दोषसिद्ध फर्जी शिक्षक लक्ष्मण सिंह रौथाण पुत्र केदार सिंह रौथाण को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर दण्डादेश भुगतने हेतु जिला कारावास पुरसाडी, चगोली भेजा गया।
उक्त मामले में राज्य सरकार की ओर से प्रभारी पैरवी विद्धान अभियोजन अधिकारी श्री प्रमोद चन्द्र आर्य द्वारा की गई है तथा बताया गया है कि अब तक जनपद रूद्रप्रयाग में पंजीकृत 26 फर्जी शिक्षकों के मामले में सभी 26 फर्जी शिक्षकों को माननीय न्यायालय से दोषसिद्ध करते हुए दण्डित किया गया है। इस निर्णय एवं आदेश की प्रतिलिपि सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु सचिव शिक्षा, सचिव गृह उत्तराखण्ड देहरादून को भी, शिक्षा विभाग के गैर जिम्मेदार शिक्षा अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही अमल में लाने हेतु प्रति प्रेषित कर निर्देशित किया गया है। क्योंकि शिक्षा विभाग द्वारा बिना सत्यापन के फर्जी शिक्षकों को सेवा में नियुक्ति के अलावा स्थायीकरण भी दिया तथा प्रोन्नति भी बिना जांच पड़ताल के प्रदान की गयी, जिससे शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही उजागर हुई है।

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