प्राचीन भारत से ही लोकतंत्र की जड़ें हैं मजबूत – एडीएम अनिल सिंह गर्ब्याल

दिनांक : 2025-06-26 18:59:00

  • आपातकाल की घटनाओं से कराया गया रूबरू

पौड़ी : आपातकाल के 50 वर्ष पूर्ण होने पर जिला सभागार में विभिन्न विभागों के अधिकारियों व स्कूली बच्चों को आपातकाल से संबंधित वृतचित्र दिखाया गया। इस दौरान अपर जिलाधिकारी अनिल सिंह गर्ब्याल ने आपातकाल के दौरान हुई घटनाओं और इसका असर के बारे में जानकारी दी।

बुधवार को जिला सभागार में संविधान हत्या दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में संस्कृति विभाग ने पीपीटी के माध्यम से प्राचीन भारत में लोकतंत्र, आपातकाल, संविधान संशोधन, आपातकाल के बाद की स्थिति, लोकतंत्र बहाली में नेताओं की भूमिका के बारे में बताया गया। इस अवसर पर कहा गया कि भारत में लोकतंत्र की जड़ें मजबूत रही हैं। वेदों में सभा, समिति और संसद जैसी संस्थाओं का उल्लेख मिलता है। ईसा पूर्व के जनपदों में शासन के रूप में राजत्व और गणतंत्र का उल्लेख मिलता है।

पीपीटी के माध्यम से यह भी बताया गया कि स्वतंत्र भारत में पहला आम चुनाव 25 अक्टूबर, 1951 और 21 फरवरी, 1952 के बीच हुआ था। 25 जून 1975 की देर रात्रि को राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली महमद ने आंतरिक अशांति का हलावा देते हुये आपातकाल की घोषणा पर हस्ताक्षर किये। आपातकाल की स्थिति में मौलिक अधिकार निलंबित कर दी गयी। साथ ही प्रेस पर सेंसरशिप लगा दी गयी। वहां उपस्थित सभी अधिकारी, कर्मचारी व स्कूली बच्चों को यह भी बताया गया कि लोक नायक जय प्रकाश नारायण और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य नेताओं ने आपातकाल के विरोध में प्रतिभाग किया। 1977 में आपताकाल समाप्त हो गया, इसके बाद मौलिक अधिकार बहाल कर दिये गये।

इस अवसर पर भातखंडे हिन्दुस्तानी संगीत महाविद्यालय के प्राचार्य अनिल बिष्ट, जिला खनन अधिकारी राहुल नेगी, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी मयंक शर्मा, संस्कृति विभाग के अवर अभियंता अनिल नेगी, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी कुसुम तड़ियाल सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *