डीएम संदीप तिवारी का सख्त रुख : स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं

दिनांक : 2025-06-24 20:53:00

गोपेश्वर (चमोली)। जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी नगर निकायों में स्वच्छता एवं अपशिष्ट प्रबंधन पर लापरवाही पर नाराज हो गए। उन्होंने अधिशासी अधिकारियों को स्वच्छता एंव अपशिष्ट प्रबंधन पर सख्त हिदायत दी है।

जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक में डीएम तिवारी ने सभी नगर निकायों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं सैनिटरी लैंडफिल साइट (एसएलएफ) और मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ)की स्थिति की समीक्षा करते हुए नदियों में कूड़ा और अपशिष्ट जल के प्रवाह को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने पर खास जोर दिया। उन्होंने नगर निकायों में एसएलएफ साइट और एमआरएफ साईट में स्थित भूमि की उपलब्धता, कार्यशीलता, कूड़ा संग्रहण, पृथक्करण एवं अंतिम निस्तारण पर जोर दिया।

बैठक के दौरान गोपेश्वर नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी द्वारा एसएलएफ एवं कूड़ा प्रबंधन से संबंधित आवश्यक जानकारी न देने पर डीएम ने नाराजगी जताई। उन्होंने इसे घोर लापरवाही मानते हुए संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई हेतु सचिव शहरी विकास को संस्तुति भेजने के निर्देश दिए। अधिशाषी अधिकारी कर्णप्रयाग से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन हेतु हो रहे कार्य के प्रस्ताव को तीन प्रतियों में जल्द प्रस्तुत करने को कहा। उन्होंने समय से प्रस्ताव प्रस्तुत न करने की स्थिति में कड़ी कार्रवाई अमल में लाने की बात कही। गैरसैण के अधिशासी अधिकारी को 1 करोंड 90 लाख की डीपीआर दिखाने के निर्देश दिए और उपजिलाधिकारी को गैरसैण के एमआरएफ सेंटर का निरीक्षण कर कार्य प्रगति की जाँच करने के निर्देश दिए।

डीएम तिवारी ने कहा कि नगर निकायों द्वारा एसएलएफ एवं एमआरएफ सेंटरों के लिए आवंटित राजस्व भूमि का उपयोग निर्धारित उद्देश्य के लिए न किए जाने की स्थिति में संबंधित उपजिलाधिकारियों को तत्काल जांच कर भूमि वापस लेने की कार्रवाई करनी होगी। उन्होंने सभी अधिशाषी अधिकारियों को निर्देश दिए कि नगर क्षेत्रों में ठोस एवं गीले कूड़े का वैज्ञानिक निस्तारण अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाना चाहिए। स्पष्ट किया कि नदियों की स्वच्छता के लिए निकायों की जवाबदेही तय की जाएगी।

डीएम ने सभी निकायों को निर्देशित किया कि गंगा नदियों के संरक्षण, नगरों की स्वच्छता एवं पर्यावरणीय संतुलन हेतु नियमित निरीक्षण और आवश्यक सुधारात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए। चेतावनी दी कि भविष्य में लापरवाही या उदासीनता पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों पर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक त्रिपाठी, चमोली के उपजिलाधिकारी आरके पांडे, अधिशासी अधिकारी समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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